सक्ती :- 27 जून 2025// मछली पालन विभाग द्वारा वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि और संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जिले में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्य उद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3 उपधारा -2 (दो) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक की अवधि को ’’बंद ऋतु (क्लोज सीजन)’’ घोषित किया गया है। इस संबंध में मछली पालन विभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि इस अवधि में जिले के सभी नदी, नाले, छोटी-बड़ी सहायक नदियों तथा उनसे जुड़े सिंचाई तालाबों और जलाशयों में केज कल्चर को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के मत्स्याखेट पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र संशोधित अधिनियम के नियम-3(5) के अंतर्गत अपराध माना जाएगा, जिसमें एक वर्ष तक का कारावास या दस हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों दंड एक साथ दिए जाने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नही है, के अतिरिक्त जलाशयों मे किये जा रहे केज कल्चर में लागू नहीं होंगे। विभाग ने सभी मत्स्य पालकों एवं मछुआ समुदाय से अपील की है कि वे इस ’’बंद ऋतु’’ के नियमों का कड़ाई से पालन करें एवं मछली संरक्षण में अपना सहयोग दें।